*( कथा वाचक बाल विदुषी राधा स्वरूपा कृष्ण प्रिये जी महाराज ने आज कथा में रास को परिभाषित किया और भक्तो ने मयूर पंख के अनुराग पर आनंद लिया )*
हरदा के गंगयाखेड़ी में आयोजित भागवत कथा में मथुरा से पधारी बाल विदुशु कृष्ण प्रिये जी ने कथा में कृष्ण रुक्मणि विवाह का व्रतांत सुनाया जिसमे मनमोहक और श्रृंगार रूपी शब्दो के भाव से श्रवण कर रहे पंडाल में मोजुद भक्त बाराती की भूमिका में पधारे और रुक्मणि के स्वयंवर में भगवान कृष्ण ने अपनी लीला से रुक्मणि को संग ले जाकर विवाह रचाया और रास को अपने अनुराग को चैतन्य मनो भाब से मोर पंख की फैलाव के साथ मनमोहक रूपी भाव प्रकट किए।
भगवान श्रीकृष्ण एवं रुकमणी के विवाह की भव्य झांकी का विशेष रूप से कथा के छठे दिवस पर गांग्याखेड़ी में आयोजन हुआ। ब्रज में होली का विशेष महत्व है इस दिन फूलों की होली ठाकुरजी खेलने राधा रानी के गांव जाया करते थे । राधा रानी को मोर बहुत पसंद थे इसलिए भगवान श्रीकृष्ण ने मोर का रूप धारण किया । कथा में मयूर नृत्य का आयोजन किया गया। कथा में पूर्व राजस्व मंत्री कमल पटेल, हरदा विधायक रामकिशोर दोगने, खातेगांव नगर परिषद अध्यक्ष निलेश जोशी एवं चेनबिहारीलाल ट्रस्ट खालवा के सदस्य विशेष रूप से मौजूद रहे।
वही कल कथा का अंतिम दिवस रहेगा जिसमे सुदामा चरित्र और परिक्षित मोक्ष का सुनाया जायेगा और भागवत कथा की प्रसादी का भी आयोजन किया जायेगा।
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