*( जिस तरह शिशु को पोलियो की 2 बूंद पिलाई जाती रही है विकलांगता दूर करने के लिए ठीक उसी प्रकार शिशु के शारीरिक प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाने के लिए सुवर्णप्राशन की 1 बूंद 17 जून को पिलाई जॉएगी निशुल्क )*
भारतीय वैदिक इतिहास सालो पुराना रहा है जहाँ वेदों द्वारा बनाई गई आयुर्वेदिक औषधि से निर्मित सुवर्णप्राशन की एक बूंद कल विशेष मूहर्त पुष्य नक्षत्र काल सुबह 8:30 बजे से करीब 1000 बच्चो को निशुल्क पिलाई जॉएगी साथ ही गुजरात की आयुर्वेदिक लैब से बन के आई ये दवा खासी रिसर्च के बाद तैयार की गई जिसमें आप के बच्चे एक बार लेने पर उसके शारीरिक और बौद्धिक विकास में तेजस्व झलकता है ऐसा तमाम शोध से आये परिणाम के बाद कहा गया है। सुबह 8:30 से 10:30 बजे तक के अभिजीत मुहर्त में इस सुवर्णप्राशन का मह्त्व हे जो सरस्वती शिशु मंदिर स्कूल में बच्चो को ये ख़ास दवा पिलाई जॉएगी इस शिशु वाटिका आयोजन की प्रमुख गुजरात से पधारी आशा बेन थानकी उपलब्ध रहेगी जो वर्तमान गर्भावस्था और बच्चे के लालन पालन पर प्रबोधन प्रस्तुत भी करेगी।
🔹 *सुवर्णप्राशन ही क्यों ( आयुर्वेद प्रतिरक्षा )..*
आज से सालो पहले जब विज्ञान ने उन्नति नही की थी तब ये सुवर्णप्राशन जैसी युक्ति ही बाल शिशु के विस्तार में सहायक रही है जो वर्तमान में आप बच्चो को लगने वाले तमाम प्रकार के टीके लगाये जाते हे उस समय बच्चो के शरीर की प्रतिरोध क्षमता को बढ़ाता जाता था एक विशेष मूहर्त में जिसका फल शिशु स्वास्थ्य,तेजस्व,कुशाग्रबुद्धि एवं दीर्घायु होते आया है और ये इस दवा को सिर्फ पुष्यनक्षत्र के दिन जन्म से 1 से 5 साल के बच्चो को पिलाई जाती है साधरण तोर पर जिस तरह शिशु को 2 बूंद पोलियो को दवा पिलाई जाती है जिस से विकलांग न हो सके उसी तरह सुवर्णप्राशन की एक बूंद कल पिलाई जायेगी विशेषज्ञ की देख रेख में।माताएं स्टील की चम्मच के साथ शिशु को लेकर पहुचे।
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