शिवराज सरकार एक बार फिर करोड़ों का खर्चा करने जा रही है। सुनने में आया है कि सीएम के लिए राज्य सरकार दिल्ली की एयरचार्टर कंपनी का जेट विमान किराए पर लेने वाली है, जिसके अंतर्गत शिवराज सरकार को अनिवार्य रुप से हर साल आठ करोड़ रुपये भरना होगा।इसकी गति पहले वाले हेलीकाप्टर से अधिक होगी और अधिक ऊंचाई पर भी उड़ने में सक्षम हे ,इस आठ करोड़ के बजट में कंपनी सरकार को हर महिने तीस घंटे के लिए हवाई सफर का मौका देगी।इसके साथ-साथ जितनी उड़ाने एक्स्ट्रा होगी उतना ही उसका पैसा सरकार को अलग से देना होगा। एयर चार्टर इसी माह से सरकार को यह विमान उपलब्ध करा देगी।
🔹 *विमान उड़े या न उड़े तो भी शर्त के मुताबिक देने होंगे पैसे...*
इस वक्त राज्य सरकार के पास मंत्रियों और सीएम के आने-जाने के लिए हवाई बेड़े में बी-200 सुपरकिंग विमान और ईसी 155 बी-1 हेलीकॉप्टर है।हवाई बेड़े में बेल 430 और बेल 407 हेलीकॉप्टर भी है। इन विमानों और हेलीकॉप्टर के लिए राज्य सरकार को 5 -6 करोड़ रुपये चुकाने पड़ते थे, लेकिन अब आठ करोड़ चुकाने पड़ेंगे। सबसे खास बात यह है कि यह विमान उड़े या नहीं राज्य सरकार को सालाना आठ करोड़ रुपए देने ही होंगे|
🔹 *आगामी चुनावी दौरे में मिलेगा फायदा इस जेट विमान का..*
माना जा रहा है समय की कीमत, आगामी चुनाव, बदलते मौसम को देखते हुए यह फैसला लिया गया है। चूंकि चुनाव आने को है, ऐसे में सीएम को ज्यादा से ज्यादा दौरे करने पड़ सकते है, जो कि पुराने विमानों और हेलीकॉप्टरों से संभव नहीं, क्योकि इनकी गति जेट विमानों से कम है। पहले सरकार की मंशा थी कि जेट विमानों को खरीदा जाए, लेकिन बाद में कई मुद्दों पर विचार करते हुए इस फैसले को टाल दिया गया और किराए पर लेने की बात पर सहमति बनी।
🔹 *जेट विमान ही क्यों चुना अपने बेड़े में सरकार ने ..*
जेट विमान जेट इंजन से चलने वाला एक प्रकार का वायुयान है। यह विमान पंखे चालित विमानों से ज्यादा तेज और ज्यादा ऊँचाई तक उड़ सकते हैं। सैन्य विमान मुख्यतः जेट चालित ही होते है क्योंकि ये तेज गति से उड़ कर एवं तीव्र कोण पर शत्रु पर आक्रमण करने की क्षमता रखते हैं। इनके इंजन की कार्यक्षमता प्रोपेलर इंजन से बेहतर होती है इसीलिए जेट विमानों को लम्बी दूरी तक उड़ान भरने के लिए उपयुक्त माना गया है।जेट विमान के एक कक्ष में कुछ ईंधन रखा जाता है। जब विमान चलना प्रारम्भ करता है तो विमान के सिरे पर बने छिद्र से बाहर की वायु इंजन में प्रवेश करती है। चूँकि जेट विमान में वायु बाहर से ली जाती है, इसलिए वायु शून्य स्थान में जेट विमान नहीं उड़ सकता।
No comments:
Post a Comment