Tuesday 11 July 2017

अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा किस तरह से होती है और सलीम ने कैसे बचाई कइयों की जान!

वैसे तो हर साल इस यात्रा को लेकर कई महीनो पहले से अलर्ट जारी रहता है पर आतंकियों को इनपुट मिलने के बाद ये हमला हुआ है जो मीडिया खबरो में बताया जा रहा है वही अमरनाथ यात्रियों पर आतंकवादी हमले का अलर्ट 26 जून को जारी किया गया था. इसके मद्देनजर थ्री लेयर की सुरक्षा व्यवस्था की गई थी. इसके तहत सेना, पैरामिलिट्री फ़ोर्स और राज्य पुलिस की तैनाती की गई है वही कल हुई घटना के बाद से बस के ड्राइवर सलीम ने अपनी सुझभुज से आतंकी द्वारा लागतर गोलियों के हमले होने के बावजूद भी गाडी चलने दी अपना आपा खोया नही और कई लोगो की जान तक भी बचा ली अगर सलीम बस वही रोक देता तो आतंकवादी कई और मासूमो की जान ले लेते। वही किस तरह से होती है अमरनाथ यात्रा की सुरक्षा !

🔹 *जानें अमरनाथ यात्रा से जुड़ी खास बातें..*

🔹बाबा बर्फानी के दर्शन करने के लिए 2 से 3 महीने पहले रजिस्ट्रेशन कराना पड़ता है.

🔹अमरनाथ यात्रा के लिए सीआरपीएफ की 60 कंपनियां लगाई गई हैं.

🔹यात्रा के दौरान जम्मू-कश्मीर पुलिस के अधिकारी हमेशा सड़क पर गश्त लगाते रहते हैं.

🔹बस ड्राइवरों को सुरक्षा के दृष्टिकोण से खास निर्देश दिए जाते हैं.

🔹बस को काफिले के साथ रखने के लिए ड्राइवरों को निर्देश दिए जाते हैं.

🔹इस दौरान भारतीय सेना हाईवे की निगरानी करती है ताकि आतंकी जंगलों से निकल कर हमला न कर दें.

🔹 *ये भी जाने आखिर क्या है अमरनाथ दर्शन करने की कथा ...*

हिंदू धर्म में अमरनाथ यात्रा का महत्व शिव भक्तों से जुड़ा हुआ है. अमरनाथ गुफा के बारे में मान्यता है कि इसी गुफा में भगवान शिव ने अपने अस्तित्व और अमरत्व के रहस्य के बारे में माता पार्वती को बताया था. श्रीनगर से 141 किलोमीटर दूर अमरनाथ गुफा 3,888 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है और इस गुफा में जाने का रास्ता पहलगाम और बालटाल से है.

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