Thursday 3 August 2017

हरदा - किशोर दा का जन्मदिन आज,अगर आप संगीत प्रेमी हे तोें रात 8 बज आये तरानों को सुनने व गुनगुनाने!

आज किशोर कुमार का जन्मदिन हे कच्छ कड़वा धर्मशाला में आज संगीत प्रेमी और आमजन मनाएंगे किशोर दा का जन्मदिन जहा महान गायक किशोर कुमार का 88 वां जन्मदिन आज 4 अगस्त को स्थानीय कच्छ कड़वा धर्मशाला में धूम धाम से मनाया जाएगा। जानकारी देते हुए गायक सुदीप मिश्रा ने बताया कि इस कार्यक्रम में नागरिकों को किशोर दा के जीवन के अनछुए पहलुओं को फल्म के माध्यम से और उनके गीतों के माध्यम से अवगत कराया जाएगा। किशोर दा का व्यक्तित्व कैसा था? वो अपने जीवन मे क्या पसंद करते थे? भविष्य में उनकी क्या योजना थी? किसी भी गीत को गाने के पहले वे क्या सोचते थे? इन विषयों पर लोगों को बताया जाएगा। वही कार्य्रकम में शिरकत करने हरदा विधायक आर के दोगने व् पूर्व नपा अध्यक्ष साधना सुरेंद्र जैन, पल्स हॉस्पिटल के संचालक डॉ सुनीत गौर, डॉ अनिल पटेल भी उपस्थिति रहेगे। जहा शहर के कई संगीत प्रेमी अपने चहेते कलाकर की याद में कई नगमे सुनाएंगे और केक काटकर सेलिब्रेट भी करेगे अगर आप भी किशोर दा के गाने के फैन है तो आप आज अवश्य पधार कर आर्केस्ट्रा के साथ गुनगुना सकते हे हरदा में पहली बार किशोर दा का जन्मदिन इतने धूम धाम से बनाने की तैयारी की गई है ।

🔹 *एक हादसे ने बनाया किशोर कुमार को गायक...*

🔹मध्य प्रदेश के खंडवा शहर में 4 अगस्त 1929 को जन्मे किशोर कुमार के पिता का नाम कुंजालाल गांगुली और माता का नाम गौरी देवी था। 
🔹उनके बचपन का नाम आभास कुमार गांगुली था। फिल्मी दुनिया में अपनी पहचान किशोर कुमार के नाम से बनाई। 
🔹वे अपने चार भाई-बहनों में सबसे छोटे थे। उनके पिता कुंजीलाल खंडवा के बहुत बड़े वकील थे। 
🔹मशहूर अभिनेता अशोक कुमार उनके सबसे बड़े भाई थे। अशोक कुमार से छोटी उनकी बहन और उनसे छोटा एक भाई अनूप कुमार था।
🔹एक से बढ़कर एक रोमांटिक और क्लासिकल गाने देने वाले किशोर दा बचपन से ही सुरीले नहीं थे। 
🔹उनके बड़े भाई अशोक कुमार ने एक इंटरव्यू में जिक्र किया था कि बचपन में किशोर का गला बैठा हुआ था, ज्यादा खुलता नहीं था। लेकिन एक घटना की वजह से उनकी आवाज बदल गई।🔹दरअसल, एक बार उनकी मां रसोई में सब्जी काट रही थी। किशोर दा दौड़कर मां के पास जा रहे थे कि इतने में वहां रखे धारदार हंसिए पर उनका पैर कट गया।
🔹वे कई दिनों तक इस दर्द में जोर-जोर से रोते थे। इस तरह घंटों रोने से उनकी वोकल कॉर्ड्स पर असर पड़ गया और उनकी आवाज अच्छी हो गई। वह अपनी सुरीली आवाज के लिए इसी हादसे को श्रेय देते।

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