नैशनल फॉर्मासियूटिकल प्राइसिंग अथॉरिटी से मिली जानकारी के अनुसार कोबाल्ट क्रोमियम कृत्रिम घुटना प्रत्यारोपण के लिए पहले 1,58,324 रुपये लगते थे जो अब 54,720 रुपये हो गए हैं। इसी तरह टाइटेनियम घुटना प्रत्यारोपण के लिए लगने वाली फीस 2,49,251 रुपये से 76,600 कर दी गई है। दूसरी बार प्रत्यारोपण कराने वाले मरीजों को भी वर्तमान कीमत की तुलना में तकरीबन 60 प्रतिशत की राहत मिली है। नई कीमतों में जीएसटी अलग से लिया जाएगा।
बुधवार को अथारिटी के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह ने इस आशय के आदेश जारी कर दिए हैं। इनमें साफ तौर पर कहा गया है कि अधिकतम कीमतों से ज्यादा वसूलने वाले चिकित्सकों और अस्पतालों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। कीमतें कम करने की कवायद काफी समय से चल रही थी। पीएम मोदी भी अपने बयानों में इनकी कीमतें कम करने की कह चुके थे।
400 फीसदी तक वसूल रहे हैं : घुटना प्रत्यारोपण के मामलों में निजी अस्पताल उपकरण की ज्यादा कीमत वसूल रहे थे। ये अस्पताल मरीजों से घुटना प्रत्यारोपण के आॅपरेशन व दवाइयों समेत 4 लाख रुपए तक वसूल रहे हैं। ज्यादातर उपकरण आयातित होते हैं। डिस्ट्रीब्यूटर इनको वास्तविक कीमत का सौ फीसदी तक मार्जिन के साथ अस्पतालों और दुकानदारों को बेच रहे हैं।
इसे यूं समझें : एक उपकरण 40 हजार का आ रहा है तो डिस्ट्रीब्यूटर उसे 80 हजार में अस्पतालों को बेचता है। अस्पताल इससे दुगुना मार्जिन 1 से 1.5 लाख या इससे अधिक तक वसूल करता है। दवाईयों की कीमत, आॅपरेशन व डाक्टर की फीस समेत दो से ढाई लाख तक आ जाती है। कीमत 2ज्वाइंट कंपोनेंट आॅफ नी सिस्टम के मामलों में यह दरें और भी ज्यादा हो जाती है।
फरवरी में केंद्र सरकार ने हार्ट पेशेंट्स के इलाज में इस्तेमाल होने वाले कोरोनरी स्टेंट्स की कीमत सरकार ने 85% घटा दी थी। अब सभी वैराइटी के स्टेंट करीब 7000 से 31 हजार रुपए के बीच मिल रहे हैं। पहले इनकी कीमत 45 हजार से 1.25 लाख रुपए तक थी। नई कीमत में वैट समेत तमाम दूसरे टैक्स शामिल हैं।
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