Wednesday, 30 August 2017

वेयर हाउस में रखी किसान की उपज का किराया भी सरकार देगी अब !

सरकार आये दिन नियमो में उदारता दिखलाते हुए कई नये नये प्रयोग करे जा रही है किसानों के लिए इस कड़ी में अब वेयर हाउस तक का किराया भी सरकारी खजाने से दिया जायेगा प्रदेश के किसानों को उनकी उपज का उचित मूल्य दिलाने के लिये राज्य सरकार द्वारा भावान्तर भुगतान योजना लागू की जा रही है। योजना का उद्देश्य किसानों को कृषि उपज का न्यूनतम समर्थन मूल्य मिलना सुनिश्चित करना तथा मण्डी दरों में गिरावट से किसानों को सुरक्षा कवच प्रदान करना है। इस योजना में किसान द्वारा प्रदेश में अधिसूचित कृषि उपज मण्डी प्रांगण में चिन्हित फसल उपज बेचने पर राज्य सरकार द्वारा घोषित मॉडल विक्रय दर और केन्द्र द्वारा घोषित न्यूनतम समर्थन मूल्य के अंतर की राशि किसानों को भुगतान की जायेगी।

🔹 *लाइसेंसी गोदाम में उपज रखने पर अनुदान किसान को ..*

योजना में पंजीकृत किसानों को उपयुक्त बाजार भाव पर उनकी उपज के विक्रय अवसर प्रदान करने और उचित समय पर फसल बेचने को प्रोत्साहित करने के लिये लाइसेंसी प्राप्त गोदाम में कृषि उपज रखने के लिये किसान को अनुदान दिया जायेगा। राज्य शासन ने निर्णय लिया है कि भावान्तर भुगतान योजना में निर्धारित विक्रय अवधि के बाद तुअर के लिये एक मई से 30 अगस्त 2018 तक तथा सोयाबीन, मूँगफली, रामतिल, मक्का, मूँग और उड़द के लिये एक जनवरी से 30 अप्रैल 2018 तक अनुज्ञप्तिधारी गोदाम में कृषि उत्पाद रखे जाने पर गोदाम किराया किसानों को दिया जायेगा। योजना के क्रियान्वयन की मॉनीटरिंग के लिये राज्य स्तर पर मुख्य सचिव की अध्यक्षता में तथा जिला स्तर पर कलेक्टर की अध्यक्षता में समिति गठित की जायेगी।

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