गुजरात में अब जलसंकट और गहरा सकता है. गुजरात सरकार ने मध्यप्रदेश सरकार से 3000 क्यूसेक पानी छोड़ने की मांग की थी. अब मध्यप्रदेश सरकार ने पानी देने से इनकार कर दिया है.
फिलहाल मध्यप्रदेश से नर्मदा सरोवर बांध में छोड़ा जा रहा पानी सिर्फ 598 क्यूसेक है. 28 मार्च 2018 में गुजरात सरकार के कहने पर मध्यप्रदेश के जरिए 600 क्यूसेक पानी छोड़े जाने से कुछ राहत मिली है. लेकिन हर हफ्ते पीने के लिए जो पानी छोड़ा जा रहा है उस वजह से डेम के डेड स्टॉक में काफी कटौती दर्ज की गई है.नर्मदा नदी पर बने सरदार सरोवर बांध में फिलहाल 105.12 मीटर पानी पहुंचा है. जो सरकार के लिए इन दिनों चिंता का विषय बना हुआ है. दरअसल, इस वजह से गुजरात में जलसंकट गहरा गया है. गुजरात सरकार ने पिछले हफ्ते मध्यप्रदेश सरकार को लेटर लिख 3000 क्यूसेक पानी हर हफ्ते छोड़ने की मांग की थी. मध्यप्रदेश सरकार ने पानी देने से इनकार कर दिया है. 3000 क्यूसेक की जगह मध्यप्रदेश सरकार सिर्फ 598 क्यूसेक पानी छोड़ रही है. पानी की आय में कटौती होने की वजह से गुजरात पर जलसंकट गहरा गया है.
पानी के मुद्दे को लेकर गुजरात में बीजेपी और कांग्रेस दोनों ही आमने सामने आ गई है. दरअसल गुजरात कांग्रेस के अध्यक्ष अमित चावड़ा ने सरकार पर आरोप लगाया है कि, सरकार ने चुनावी फायदा लेने में पानी को इतना बर्बाद किया है, जिसका खामियाजा गुजरात के किसानों को भुगतना पड़ रहा है. वहीं गुजरात के मुख्यमंत्री विजय रूपाणी का कहना है कि, सरकार ने पानी की पूरी प्लानिंग की है. कहीं पर भी पानी की किल्लत नहीं होगी.
सरकार ने मार्च 15 से ही किसानों को सिंचाई के लिए पानी देना बंद कर दिया है. इस वजह से किसानों की धान की फसल पर काफी असर हुआ है.
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