स्टेशन पर ज्यादा भीड़ और भगदड़ के कारण यात्रियों के साथ हादसा होते आये है मगर अब सुप्रीम कोर्ट ने भी संज्ञान लिया है
अब अगर ट्रेन में चढ़ते और उतरते समय यात्रियों की मौत या फिर उन्हें चोट लगती है तो रेलवे द्वारा उसके परिजनों को मुआवजा देना पड़ेगा। इसका जिम्मेदारी रेलवे की होगी। यह आदेश सुप्रीम कोर्ट ने जारी किए है। जस्टिस एके गोयल और आरएफ नरीमन की बेंच ने ट्रेन पर चढ़ते और उतरते समय होने वाली मौत और चोट को अवांछित घटना करार दिया है। वहीं, कोर्ट ने यह भी स्पष्ट किया कि सिर्फ रेलवे परिसर में किसी शव या घायल के होने से यह निर्णय नहीं हो जाएगा कि घायल या मृत मुआवजे के संबंध में वास्तविक यात्री था। आपको बता दे कि अभी तक भारतीय रेलवे की धारा 124ए के अनुसार रेल प्रशासन द्वारा उन स्थितियों में कोई मुआवजा नहीं दिया जाता है जिसमें यात्री आत्महत्या, आत्महत्या का प्रयास, जानबूझकर चोट लगाना, अपने आपे में ना रहते हुए किया गया आपराधिक कृत्य करता है। इस मामले पर विभिन्न हाईकोर्ट ने विरोधाभासी फैसले दिए हैं। इस मसले पर विराम लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने रेलवे को इस तरह की घटनाओं में पीड़ितों को मुआवजा देने के लिए जिम्मेदार माना है। फिर चाहे ऐसे मामले में पीड़ित की गलती हो या ना हो
Thursday 10 May 2018
अब ट्रैन में चढ़ते उतरते हुए यात्री के साथ हादसा हुआ तो भी रेल्वे को देना होगा मुआवजा: सुप्रीम कोर्ट
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