*( किसान के कंधे पर दांव रख व्यापारी कर रहे थे मजे और नान ने भी स्टॉक सम्बंधित कठनाई से कराया शाशन को अवगत )*
अबतक मुंग और उड़द फसल को भी सरकार समर्थन मूल्य पर खरीदने का मन बना लिया था पर अब प्रदेश सरकार इस साल गर्मी की मूंग नहीं खरीदेगी। इसकी जगह किसानों को 800 रुपए प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। उड़द को लेकर अभी राशि तय नहीं हुई है पर यह तय कर लिया गया है कि इस फसल की खरीदी भी नहीं होगी। तीस जून तक किसानों द्वारा बोई गई फसल का सत्यापन होगा।
सूत्रों के मुताबिक पिछले साल किसानों को मूंग, उड़द और अरहर का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं मिल पाने के कारण सरकार ने खरीदी की थी। इसमें अनियमितताओं की बात भी सामने आई और अधिकारियों-कर्मचारियों पर कार्रवाई भी हुई। मूंग और उड़द रखी भी रही। आदिवासी परिवारों को सार्वजनिक वितरण प्रणाली के तहत दाल देने का फैसला भी कर लिया पर पूरी दाल ठिकाने नहीं लगी। इस बार भी मूंग और उड़द के बाजार भाव न्यूनतम समर्थन मूल्य से एक हजार रुपए तक कम चल रहे हैं। इसे देखते हुए सरकार ने पहले खरीदी करने का मन बनाया था पर नागरिक आपूर्ति निगम भंडारण की समस्या को सामने रखते हुए खरीदी से टालमटोल करने लगा। बताया जा रहा है कि परिस्थितियों पर समग्र रूप से चिंतन करते हुए सरकार ने तय किया है कि वो किसानों को प्रति क्विंटल प्रोत्साहन राशि ही देगी।
🔹 *किसानों की आड़ में व्यापारी लगा रहे थे शाशन को चुना..*
उधर, सरकार की मूंग और उड़द खरीदने की तैयारी को देखते हुए बड़ी संख्या में किसानों ने पंजीयन करा लिया। इससे यह आशंका बनी कि किसानों की आड़ में व्यापारियों ने अपनी मूंग और उड़द ठिकाने लगाने का खेल जमाया है तो कृषि विभाग हरकत में आया और कलेक्टरों से एक-एक किसान के रकबे का सत्यापन के साथ व्यापारियों के स्टॉक की जांच शुरू करा दी।
🔹 *इस धरपकड़ में हरदा कलेक्टर को मिली शाबाशी ..*
होशंगाबाद, हरदा और नरसिंहपुर कलेक्टरों ने जब इसकी गोपनीय रिपोर्ट सरकार को दी तो सब चौक गए। इन तीनों जिलों में कुछ ऐसे किसान पकड़ में आए, जिन्होंने अपनी उपज 30 से 40 क्विंटल बताई पर जब स्टॉक देखने गए तो 50 किलो से ज्यादा नहीं मिला। हरदा कलेक्टर ने तो चार ट्रक मूंग जब्त भी की। इसको लेकर मुख्य सचिव बसंत प्रताप सिंह ने उनकी तारीफ करते हुए दूसरे कलेक्टरों से भी कार्यवाही करने कहा था।
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