Tuesday 10 July 2018

हरदा - जिले के कुशल संघटक में जाना पहचाना नाम देवी सिंह सांखला, जन्मदिन विशेष !


हरदा जिला में भारतीय जनता पार्टी के सीनियर लीडर के रूप में 1986 के दौर से रास्ट्रीय स्वयंसेवक के रूप में अपनी पहली सीढ़ी चढ़कर भारतीय जनता पार्टी तक का सफर अपने बौद्धिक और रास्ट्रीय नीति का अनुसरण कर समाज और पार्टी में अपनी जगह बनाकर वर्तमान में एक कुशल संघटक के रूप में अपनी जीवन सेवा पार्टी और समाज हित में सार्वजनिक करने वाले देवीसिंह सांखला आज अवतरण दिवस से गुजर रहे हे जिसमे पार्टी और वरिष्ठ का स्नेह सदैव बना रहे हे परस्पर रूप से वही वर्तमान में देवी सिंह मामा में रूप में चहेते नाम से हर जुबान से पुकारे जाते हे।

🔹 *अबतक का राजनीती सफरनामा..*

11 जुलाई 19.  को माँ नर्मदा के क्षेत्र हरदा जिले में जन्मे और माँ नर्मदा के प्रति आस्था होने के चलते वरद पुत्र की तरह सेवा साथ ही धार्मिक मंदिर मठ के प्रमुख के रूप में भी विस्तार निर्माण में अपनी खासी भूमिका अदा कर रहे हे। गुप्तेश्वर मंदिर निर्माण हो या जगन्नाथ यात्रा जिसमे व् अपने साथियों के साथ मिलकर शहर को एक धार्मिक संस्कृति का संदेश देते हे वही हर साल आयोजित कवि सम्मलेन में साहित्यक नगरी हरदा में सालो से अबतक उस कारवाँ को जिंदा रखा है ताकि बड़े बड़े नामी कवि हरदा की माटी को छूकर आमजन तक साहित्य का रस आनन्द पंहुचा सके। इनकी शुरुवाती पढ़ाई 1 से 8 तक बाल्य अवस्था प्रौढ़ शिक्षा भुन्नास गाव के शासकीय शाला से हुए उसके बाद वी राधास्वामी हायर सेकंडरी टिमरनी बी काम, एम काम कला एवं वाणिज्य महाविघालय हरदा से हुई  कबड्डी एवं बॉलीबाल के खिलाड़ी रहे हे फिर उसके बाद शुरू से नेतृत्व गुण निहित होने के चलते बचपन से स्वयंसेवक सन् 1986 मे प्रथम वर्ष संघ शिक्षा वर्ग फिर सन् 1991 मे बीजेपी के मंडल अध्यक्ष युवा मोर्चा जिला उपाध्यक्ष  युवामोर्चा 96 मे 98 मे युवामोर्चा प्रदेश कार्यकारिणी सदस्य सन 2000 मे जिला अध्यक्ष युवा मोर्चा 2004 मे एवं 2011 मे जिला महामंत्री भा ज पा,2013 से जिला उपाध्यक्ष भाजपा एवं विधान सभा प्रभारी हरदा भा ज पा संगठन की प्रदेश स्तरीय परीक्षा मे प्रथम स्थान प्राप्त कर हरदा का मान बढाया व् कुशल संघटक के रूप में आज अपनी पहचान बनाई। वही सामाजिक सरोकार निभाते हुए इन्हें माली विकास परिषद के प्रदेश महामंञी एवं आल इंडिया माली समाज के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष से भी नवाजा गया। इसी तरह देवी सांखला ने फर्श से अर्श तक का सफर अपनी मेहनत और ललक से पूर्ण किया परिवार में 2 लड़के और 1 लड़की जो एक लड़की डॉक्टर हे एक लड़का बैंक पी ओ हे वह सबसे छोटा बेटा वकालत के गुण सिख रहा है।

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