Wednesday 11 July 2018

हरदा - 5000 एकड़ सोयाबीन की फसल सवेरा फुफंदनाशी से नाश,कंपनी ने झाड़ा पल्ला" सवेरा थी ही नही सोयाबीन के लायक"!

हरदा जिले के किसान ने खरीफ की फसल सोयाबीन इस विश्वास के साथ बोई की इस बार उत्पादन अच्छा होगा और सोयाबीन बीजउपचार के लिहाज से उपयोग किये जाने वाला फफूंदनाशी सवेरा किसान ने अपने खेत में बीमारियों की रोकथाम के लिहाज से डाला पर बदले में फसल ही खरांब हो गई बताया जा रहा है कि जिले में 5000 एकड़ में सवेरा फफूंदनाशी के उपयोग से किसान की फसल खराब हुई हे पर हफ्ते से सवेरा उत्पाद की साख गिरते देख कंपनी ने भी अपने बचाव में तर्क प्रस्तुत कर दिया जहा एक तरफ किसान संघटन फसल खराबी के बदले कपनी से क्षतीपूर्ति की मांग की गई है अब सबसे बड़ा सवाल क्या सालो से जिले का किसान सोयाबीन की फसल का उत्पादन करते आया है तो क्या किसान को पता नही है क्या सवेरा सोयाबीन लायक है या नही ?

🔹 *कंपनी की तरफ से दिया तर्क, सवेरा सोयाबीन लायक है ही नही तो गलती किसकी फिर ?*

विजेंन आर्गोनिक्स का सवेरा फुफन्द नाशी सोयाबीन फसल के बीजोपचार के लिए हे ही नही किसानों ने स्वय विवेक से निर्णय लेकर इसका उपयोग सोयाबीन में बिजोउपचार के लिए किया है। यह बातें विजेंन आर्गोनिक्स के क्षेत्रीय अधिकारी की और से जारी की गए बयान में दर्शाया गया है जो कंपनी की और से अधिकृत हे उन्होंने ये भी कहा है कि सवेरा के पैकेट में साफ साफ लिखा है कि इस फफूंद नाशी में कार्बेडाजिम 12% , मेंकाजेब 63% मात्रा में हे और ये उत्पाद धान पर लगने वाली सहसमारी,मूंगफली पर पत्ती धब्बा,आलू पर लगने वाली अर्ली ब्लाइट, के नियंत्रण के लिए सहायक है। उन्होंने ये भी कहा सवेरा के पैकेट पर स्पष्ठ रूप से उपयोग की जानकारी लिखी गई है। अधिकारी ने ये भी मेंशन किया कि सवेरा प्रोडक्ट सोयाबीन के लिए उपयोगी है ही नही।ये गलत है कि सवेरा फुफंद नाशी से ही सोयाबीन की फसल खरांब हुई।

🔹 *किसान संघटन ने उठाई कारवाई की मांग ..*

किसान संघटन आम किसान यूनियन के सदस्यों ने जिले में सवेरा नामक फफूंदीनाशक से 5000 एकड़ की फसल सोयाबीन खराब हो चुकी है। कृषि विभाग ओर राष्ट्रीय सोयाबीन अनुशंधान के वैज्ञानिकों ने माना है कि यह फसल इस पाऊडर से ही खराब हुई है। जिसके तहत कंपनी और विक्रेताओं पर कार्रवाई की जाए।

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