चुनाव आचार संहिता (आदर्श आचार संहिता/आचार संहिता) का मतलब है चुनाव आयोग के वे निर्देश जिनका पालन चुनाव खत्म होने तक हर पार्टी और उसके उम्मीदवार को करना होता है। अगर कोई उम्मीदवार इन नियमों का पालन नहीं करता तो चुनाव आयोग उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई कर सकता है !
🔹 *सामान्य नियम आचार संहिता के..*
🔹निजी वाहन पर पार्टी का एक झंडा ही लगा सकता है और कमर्शियल वाहन पर परमिशन लेनी होगी।
🔹कोई भी दल ऐसा काम न करे, जिससे जातियों और धार्मिक या भाषाई समुदायों के बीच मतभेद बढ़े या घृणा फैले।
🔹राजनीतिक दलों की आलोचना कार्यक्रम व नीतियों तक सीमित हो, न ही व्यक्तिगत।
🔹धार्मिक स्थानों का उपयोग चुनाव प्रचार के मंच के रूप में नहीं किया जाना चाहिए।
🔹मत पाने के लिए भ्रष्ट आचरण का उपयोग न करें। जैसे-रिश्वत देना, मतदाताओं को परेशान करना आदि।
🔹किसी की अनुमति के बिना उसकी दीवार, अहाते या भूमि का उपयोग न करें।
🔹किसी दल की सभा या जुलूस में बाधा न डालें।
🔹राजनीतिक दल ऐसी कोई भी अपील जारी नहीं करेंगे, जिससे किसी की धार्मिक या जातीय भावनाएं आहत होती हों।
🔹 *राजनीतिक सभाओं से जुड़े नियम..*
🔹सभा के स्थान व समय की पूर्व सूचना पुलिस अधिकारियों को दी जाए।
🔹दल या अभ्यर्थी पहले ही सुनिश्चित कर लें कि जो स्थान उन्होंने चुना है, वहॉं निषेधाज्ञा तो लागू नहीं है।
🔹सभा स्थल में लाउडस्पीकर के उपयोग की अनुमति पहले प्राप्त करें।
🔹सभा के आयोजक विघ्न डालने वालों से निपटने के लिए पुलिस की सहायता करें।
🔹 *जुलूस संबंधी नियम...*
🔹जुलूस का समय, शुरू होने का स्थान, मार्ग और समाप्ति का समय तय कर सूचना पुलिस को दें।
🔹जुलूस का इंतजाम ऐसा हो, जिससे यातायात प्रभावित न हो।
🔹राजनीतिक दलों का एक ही दिन, एक ही रास्ते से जुलूस निकालने का प्रस्ताव हो तो समय को लेकर पहले बात कर लें।
🔹जुलूस सड़क के दायीं ओर से निकाला जाए।
🔹जुलूस में ऐसी चीजों का प्रयोग न करें, जिनका दुरुपयोग उत्तेजना के क्षणों में हो सके।
मतदान के दिन संबंधी नियम :
🔹अधिकृत कार्यकर्ताओं को बिल्ले या पहचान पत्र दें।
🔹मतदाताओं को दी जाने वाली पर्ची सादे कागज पर हो और उसमें प्रतीक चिह्न, अभ्यर्थी या दल का नाम न हो।
🔹मतदान के दिन और इसके 24 घंटे पहले किसी को शराब वितरित न की जाए।
🔹मतदान केन्द्र के पास लगाए जाने वाले कैम्पों में भीड़ न लगाएं।
🔹कैम्प साधारण होने चाहिए।
🔹मतदान के दिन वाहन चलाने पर उसका परमिट प्राप्त करें।
अगले पन्ने पर सत्ताधारी दल और अधिकारियों के लिए नियम...
🔹 *सत्ताधारी दल के लिए नियम..*
🔹कार्यकलापों में शिकायत का मौका न दें।
🔹मंत्री शासकीय दौरों के दौरान चुनाव प्रचार के कार्य न करें।
🔹इस काम में शासकीय मशीनरी तथा कर्मचारियों का इस्तेमाल न करें।
🔹सरकारी विमान और गाड़ियों का प्रयोग दल के हितों को बढ़ावा देने के लिए न हो।
🔹हेलीपेड पर एकाधिकार न जताएं।
🔹विश्रामगृह, डाक-बंगले या सरकारी आवासों पर एकाधिकार नहीं हो।
🔹इन स्थानों का प्रयोग प्रचार कार्यालय के लिए नहीं होगा।
🔹सरकारी धन पर विज्ञापनों के जरिये उपलब्धियां नहीं गिनवाएंगे।
🔹मंत्रियों के शासकीय भ्रमण पर उस स्थिति में गार्ड लगाई जाएगी जब वे सर्किट हाउस में ठहरे हों।
🔹कैबिनेट की बैठक नहीं करेंगे।
🔹स्थानांतरण तथा पदस्थापना के प्रकरण आयोग का पूर्व अनुमोदन जरूरी।
🔹 *ये ये काम नहीं करेंगे मुख्यमंत्री-मंत्री..*
🔹शासकीय दौरा (अपवाद को छोड़कर)
🔹विवेकाधीन निधि से अनुदान या स्वीकृति
🔹परियोजना या योजना की आधारशिला
🔹सड़क निर्माण या पीने के पानी की सुविधा उपलब्ध कराने का आश्वासन
अधिकारियों के लिए नियम :
🔹शासकीय सेवक किसी भी अभ्यर्थी के निर्वाचन, मतदाता या गणना एजेंट नहीं बनेंगे।
🔹मंत्री यदि दौरे के समय निजी आवास पर ठहरते हैं तो अधिकारी बुलाने पर भी वहॉं नहीं जाएंगे।
🔹चुनाव कार्य से जाने वाले मंत्रियों के साथ नहीं जाएंगे।
🔹जिनकी ड्यूटी लगाई गई है, उन्हें छोड़कर सभा या अन्य राजनीतिक आयोजन में शामिल नहीं होंगे।
🔹 राजनीतिक दलों को सभा के लिए स्थान देते समय भेदभाव नहीं करेंगे।
लाउडस्पीकर के प्रयोग पर प्रतिबंध : चुनाव की घोषणा हो जाने से परिणामों की घोषणा तक सभाओं और वाहनों में लगने वाले लाउडस्पीकर के उपयोग के लिए दिशा-निर्देश तैयार किए गए हैं। इसके मुताबिक ग्रामीण क्षेत्र में सुबह 6 से रात 11 बजे तक और शहरी क्षेत्र में सुबह 6 से रात 10 बजे तक इनके उपयोग की अनुमति होगी।
मादिक रुनवाल
शब्द सारांश
हरदा ब्यूरो
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