Monday 17 December 2018

कुछ ऐसे समझे कमलनाथ की 2 लाख तक कि कर्ज़ माफ का गणित !

कांग्रेस के वचन पत्र के अनुसार 2 लाख तक का कर्ज़ा माफ करने को लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री कमलनाथ ने आदेश तो जारी कर दिये है पर माफी योजना में भी कई पेचीदगियां फसी है जिसमे आम लोगो के लिए किंतु परंतु का  पहेली बनी हुई है समझिए कुछ ऐसे कर्ज़ माफी के गणित को


🔹 *कर्ज़ माफी का गणित कुछ ऐसा है समझिए...*


जारी किये गए आदेश में कई उलझने हैं जिससे किसानों में नाराजगी है| उदाहरण के लिए ऐसे समझिए जैसे किसी ने 31 मार्च 2018 तक मानिये दस हजार रू लोन लिया था और उसे उसके बाद पटाना शुरू कर दिया, यदि उसने 40 फ़ीसदी लोन पटा दिया तो उसके बचे हुए 60 फ़ीसदी ऋण की राशि ही माफ होगी जबकि 100 फ़ीसदी ऋण अदा न करने वाले किसान का 100 फ़ीसदी ही कर्जा माफ हो जाएगा। इससे आगे चलकर समय पर ऋण अदा करने वाले किसान हतोत्साहित होंगे और वे भी अपना कर्जा जमा नहीं करेंगे। सरकार को इस निर्णय से ये फायदा होगा कि उसे सहकारी बैंकों का 60000 करोड़ की बजाय केवल 32000  करोङ रू कर्जा माफ करना होगा | वहीं सिर्फ कृषि में लिए लिया ऋण ही माफ़ होगा।  कुआ ट्रेक्टर या कृषि उपकरण के लिए लिया कर्ज यथावत रहेगा । वहीं मार्च 2018 की स्थिति में लिया गया कर्ज अप्रैल 18 में अधिकतम किसान जमा कर अगली फसल के लिए मई या जून में फिर लेते है तो ऐसे में कम लोग ही लाभान्वित होंगे|


🔹 *आयकर और शासकीय कर्मचारी को माफी का लाभ नही..*


कर्जमाफी का लाभ आयकर दाता और शासकीय कर्मचारियों को नहीं मिलेगा। कमलनाथ सरकार के पहले फैसले के तहत उन किसानों को कर्जमाफी का फायदा मिलेगा, जिन्होंने राज्य में स्थित सहकारी या राष्ट्रीयकृत बैंकों से शॉर्ट टर्म लोन लिया है। ऐसे किसानों का 31 मार्च 2018 की स्थिति के अनुसार 2 लाख रुपए तक का बकाया कर्ज माफ होगा।


मादिक रुनवाल

  शब्द सारांश

   हरदा ब्यूरो

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1 comment:

  1. According to me "No party should have right to waive loan of any person because it will unnecessary increase burden on genuine tax payer and it also increase habit of non paying of loan during election time . At the last only those person get benefits who are defaulters and the not the genuine farmer.
    I strongly oppose this type of action done by any party. Why don't you waive this loan amount from your party funds . Its not the money of these politicians it's our money I.e. public money use this money for development. Make the people self dependent not dependents on government.

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