सरकार लगातार कर्ज़ माफी को लेकर रोड मैप बनाने में लगी है वही पंजाब और महाराष्ट्र मॉडल का अध्ययन करने के लिए मंडी बोर्ड के प्रबंध संचालक फैज अहमद किदवई चंडीगढ़ और एडीशनल डायरेक्टर बीएम सहारे महाराष्ट्र गए हैं। मैप आईटी की टीम को भी चंडीगढ़ भेजा गया है, क्योंकि पंजाब सरकार ने किसानों की तमाम जानकारी, आधार लिंक, अलग-अलग कैटेगरी के कर्ज के साथ डिफाल्टर किसानों की अलग-अलग श्रेणियों को लेकर एक पोर्टल तैयार किया है। टीम इसका अध्ययन करेगी, ताकि मप्र में भी ऐसा ही पोर्टल तैयार हो जाए। किसानों पर जो कर्ज है वह सहकारी बैंक, राष्ट्रीयकृत बैंक, ग्रामीण विकास बैंक और निजी बैंकों का है। वहीं, प्रदेश के 21 लाख किसानों पर करीब 20 हजार करोड़ का कर्जा है, लेकिन इसे अदा नहीं किया है। उसमें डूबत कर्ज को माफ करने के साथ नियमित कर्ज पर लगभग 25 हजार रुपए प्रोत्साहन दिया जाएगा। वहीं बीजेपी की भी नजर कर्जमाफी के वचन पर है|
🔹 *जानिए कैसा है कर्ज़ माफी का पंजाब मॉडल...*
वैसे तो तमाम राज्यो के कर्ज माफी मॉडल का अध्ययन किया जा रहा है पर पंजाब मॉडल पर विचार किया जा सकता है।पंजाब सरकार की किसान कर्ज राहत योजना के तहत मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने हाल ही में अपने चार जिलों के 1,09,730 सीमांत किसानों को वाणिज्यिक बैंकों के 1,771 करोड़ रुपये के कर्ज से राहत दी है। इसी के साथ यहां सरकार ने 2.5 से 5 एकड़ जमीन वाले किसानों के लिए छूट योजना में विस्तार किया है। सरकार अगले चरण में 2.5 से 5 एकड़ जमीन वालों को लाभ देने जा रही है जिसमें कि आगे सामुदायिक और वाणिज्यिक बैंकों से कर्ज लेने वाले 2.5 से 5 एकड़ जमीन रखने वाले किसानों को शामिल किया गया है। सभी सीमांत और छोटे किसानों को 2 लाख रुपये की कर्ज छूट दी गई है, जिन्होंने 2 लाख रुपये तक का कर्ज लिया था। पहले चरण के तहत सामुदायिक बैंकों से कर्ज लेने वाले 3.18 लाख सीमांत किसानों को कुल 1,815 करोड़ रुपये की राहत दी गयी थी।
मादिक रुनवाल
शब्द सारांश
हरदा ब्यूरो
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