🔹नए नियम 1 फरवरी 2019 से लागू होंगे, ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म किसी सप्लायर को नहीं दे सकेंगे खास रियायत
🔹ग्राहकों को पहले की तरह ई-कॉमर्स साइट्स पर बड़ा डिस्काउंट नहीं मिलेगा, फिजिकल स्टोर्स को फायदा
🔹किसी ई-कॉमर्स साइट पर कोई एक वेंडर कितना सामान बेच सकता है, इसकी भी सीमा तय की गई है
देश में ऑनलाइन शॉपिंग का कारोबार बदलने जा रहा है। सरकार ने ई-कॉमर्स कंपनियों पर जो नए नियम लागू किए हैं उसके बाद एक्सक्लूसिव डील, कैशबैक और बंपर डिस्काउंट जैसी चीजें खत्म हो जाएंगी। सरकार ने ई-कॉमर्स सेक्टर के लिए प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की नीति बदल दी है, जिससे ऐमजॉन और फ्लिपकार्ट जैसी कंपनियों को जहां बड़ा झटका लगा है तो घरेलू कारोबारियों का गुस्सा शांत करने की कोशिश की गई है, जो इन कंपनियों के काम करने के तरीके से नाराज हैं।
🔹 *कैशबैक-एक्सक्लूसिव सेल पर रोक..*
इससे ई-कॉमर्स सेक्टर की कंपनियों को अपने बिजनस मॉडल में बदलाव करना पड़ेगा। सरकार के नए रूल्स के मुताबिक, कोई ई-कॉमर्स प्लैटफॉर्म किसी सप्लायर को खास रियायत नहीं दे सकता है। इस संशोधन के बाद कैशबैक, एक्सक्लूसिव सेल या किसी पोर्टल पर एक ब्रैंड के लॉन्च, ऐमजॉन प्राइम और फ्लिपकार्ट एश्योर्ड जैसी डील्स या किसी तरह की खास सेवा देने में दिक्कत हो सकती है।
🔹 *नहीं मिलेगा बड़ा डिस्काउंट..*
इस नियम से फिजिकल स्टोर्स को फायदा इसका मतलब यह भी है कि अब ग्राहकों को पहले की तरह ई-कॉमर्स साइट्स पर बड़ा डिस्काउंट नहीं मिलेगा। इससे फिजिकल स्टोर्स को फायदा हो सकता है, जिनके बिजनस में ई-कॉमर्स कंपनियों ने बड़ी सेंध लगाई है। व्यापारी समुदाय लगातार यह शिकायत कर रहा था कि ई-कॉमर्स कंपनियां अपने प्लैटफॉर्म पर सामान की बिक्री करके मार्केट को प्रभावित कर रही हैं। उनके मुताबिक, यह प्रत्यक्ष विदेशी निवेश के नियमों के खिलाफ भी था, जिसमें बिजनस-टु-कंज्यूमर ई-कॉमर्स में ऐसे निवेश पर रोक है।
मादिक रुनवाल
शब्द सारांश
हरदा ब्यूरो
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