Sunday 9 July 2017

सोयाबीन फसल वाले किसानों को बीमा क्लेम पर अब 3500 रुपए का फायदा मिलेगा !

( फसल खराब होने पर क्लेम के दौरान किसान को मिलेगी अधिक राशि,सहकारी केंद्रीय बैंक की तकनीकी समूह ले चुकी है निर्णय, नए स्केल ऑफ फायनेंस के हिसाब से ही कटेगा किसान का प्रीमियम जो किसानो के लिए थोड़ी सी राहत लेके आई हे चुकी प्रकतिक आपदा या विप्पति से हाल के सालो में सोयबीन फसल पर असमंजश बने रहता है पर अब आपको थोड़ी सी राहत क्लेम में मिल सकती हे जहा अब आप प्रीमियम पर 70 ₹ ज्यादा देकर 3500 तक का लाभ मिल सकता है साथ ही अब बैंकों की प्रीमियम राषि भी एक समान होने की बात कही गई हे )

लगातार मौसम की मार के बाद भी यदि किसान सोयाबीन लगाने की रिस्क ले रहा है, तो यह खबर उन किसानों के लिए थोड़ी राहत भरी हो सकती है। ऋ ण की पात्रता (स्केल ऑफ फायनेंस) को लेकर 3500 रूपए वृद्घि का जिला सहकारी केंद्रीय बैंक मर्यादित के तकनीकी समूह निर्णय ले चुकी है। चूंकि बीमा क्लेम में स्केल ऑफ फायनेंस का बहुत अधिक महत्वपूर्ण स्थान रहता है, इसलिए इसके बढ़ने पर सोयाबीन के क्लेम की राशि भी बढ़ जाएगी। पिछले साल तक सोयाबीन का स्केल ऑफ फायनेंस 31500 रूपए प्रति हेक्टेयर था, किसान का प्रीमियम 2 प्रतिशत के हिसाब से प्रति हेक्टेयर 630 रूपए लिया जाता था। इस बार इसके स्केल ऑफ फायनेंस राशि बढ़ाकर प्रति हेक्टेयर 35000 रूपए कर दी गई है। जिसके अनुसार किसान को 2 प्रतिशत के हिसाब से प्रति हेक्टेयर 700 रूपए प्रीमियम देना होगा। भले ही प्रति हेक्टेयर प्रीमियम की राशि 70 रूपए बढ गई हो, लेकिन क्लेम करने के समय किसान को इसका लाभ मिलेगा और राशि बढकर मिलेगी। दरअसल तकनीकी समूह ने यह निर्णय इसलिए लिया क्योंकि खरीफ 2016 की समीक्षा करने पर पाया गया था कि सोयाबीन की लागत और केसीसी लोन की स्वीकृत साख सीमा में काफी अंतर होता है। जिसके कारण क्लेम के समय बैंक और किसान दोनो को दिक्कतों का सामना करना पड़ता था। यही कारण है कि तकनीकी समूह ने सोयाबीन की ऋ ण की पात्रता का पुर्ननिर्धारण किया है।

🔹 *इस फार्मूले से बढ़ाई स्केल ऑफ फायनेंस की राशि..*

तकनीकी समूह ने सोयाबीन फसल के ऋ ण की पात्रता का पुर्ननिर्धारण किया। जिसके अनुसार माना गया कि सोयाबीन फसल की कुल आय 73 हजार 200 रूपए आंकी गई। स्वयं के उपयोग के लिए 50 प्रतिशत राशि 36 हजार 600 माना एवं ऋ ण की पात्रता (स्केल ऑफ फायनेंस) 50 प्रतिशत राशि 36 हजार 600 रूपए निर्धारित की। समूह ने प्रति हेक्टेयर 18 क्विंटल सोयाबीन और प्रति हेक्टेयर 8 क्विंटल भूंसे का उत्पादन माना है। इस हिसाब से किसान क्रेडिट कार्ड योजना (केसीसी) के अंतर्गत सोयाबीन फसल हेतु अल्पकालीन फसल ऋ ण साख सीमा 35 हजार रूपए निर्धारित कर दी गई।

🔹 *अन्य फसलों के स्केल ऑफ फायनेंस में नही कोई परिवर्तन..*

खरीफ सीजन 2017 में सिर्फ सोयाबीन के स्केल ऑफ फायनेंस में परिवर्तन किया गया है। शेष अन्य अधिसूचित फसलों के स्केल ऑफ फायनेंस पूर्व की तरह यथावत्‌ रखे गए है। तकनीकी समूह ने माना कि अभी इस फसलों की लागत और आय में कोई विशेष परिवर्तन नही किया गया है। इसके पीछे एक कारण और माना जा रहा है कि इस फसलों के रकबे में बढ़ोत्तरी तो हुई, लेकिन फिर भी बहुतायत किसान आज भी सोयाबीन की खेती ही करते है। जानकारी के अनुसार मूंग और उड़द का स्केल ऑफ फायनेंस समान रखा गया है जो प्रति हेक्टेयर 23 हजार रूपए रहेगा। इसी के हिसाब प्रीमियम कटेगा।

🔹 *कुछ इस तरह बदला अनुपात का ही गणित..*

तकनीकी समूह ने माना है कि किसान को खेती के लिए नगद राशि की अधिक जरूरत होती है। इसलिए अब तक जो लोन की राशि दी जाती थी, उसमें नगद राशि 50 प्रतिशत और वस्तु ऋ ण के लिए 50 प्रतिशत राशि निर्धारित थी। समूह ने इसमें परिवर्तन किया और नगद ऋ ण 70 प्रतिशत व वस्तु ऋ ण 30 प्रतिशत निर्धारित कर दिया ताकि किसान की नगदी की जरूरत को पूरा किया जा सके। हालांकि ऐसा नही हुआ। किसान नेताओं का मानना है कि बैंक तो ऋ ण की राशि 100 फीसदी नगद देती है, लेकिन समिति 70 प्रतिशत वस्तु ऋ ण और सिर्फ 30 प्रतिशत नगद के रूप में ऋ ण देती है।

🔹 *इस सीजन से सभी बैंकों में कटेगा एक सा प्रीमियम जहा बीमा राशि को लेकर गफलत पर लगेगा विराम..*

नई व्यवस्था में सबसे बड़ा परिवर्तन यह हुआ है कि इस सीजन से सभी बैंक फसल का एक सा प्रीमियम काटेगी, अब तक यह राशि अलग-अलग होती थी। प्राइवेट बैंक किसान को प्रति हेक्टेयर केसीसी लोन की राशि अधिक देती है, वहीं राष्ट्रीयकृत बैंके थोड़ा कम। कुल मिलाकर कहा जाए तो केसीसी लोन के निर्धारण की राशि सभी बैंकों की अलग-अलग होती है। पिछले साल तक बैंक केसीसी लोन को सुरक्षित करने के लिए प्रीमियम भी अलग-अलग काटती थी। इस बार जो निर्देश दिए गए है, उसमें सभी बैंको को स्केल ऑफ फायनेंस फसलवार निर्धारित कर दिया है। बैंक भले ही केसीसी लोन किसी भी दर से दे, लेकिन किसान का प्रीमियम निर्धारित स्केल ऑफ फायनेंस की राशि का 2 प्रतिशत ही काटा जाएगा। वही अभी मूंग और उड़द के अधिसूचित क्षेत्र को लेकर असमंजस बरकरार हे।@नवदुनिया

No comments:

Post a Comment