( आजकल अक्सर ऐसा होता आ रहा है मोबाइल बाज़र में प्रतियोगिता तो होना शुरू हो गई है और लोक लुभावने स्कीम से आपको खरीदने के लिए लालायित भी किया जाता है पर अगर आप पैसे मनमाफिक देने के बाद मोबाइल घर लाते हे और वारंटी अवधि में अगर उसमे कुछ तकनिकी खामी आ जाती है तो आपको फ्री में सुधारने की जिम्मेदारी कंपनी की होती पर अक्सर मोबाइल सर्विस सेंटर सुधरने जाने के बाद दिन हफ्ते महीने या उस से ज्यादा गुजर जाते हे और खरीदार चप्पलें घिसते रहता है दुकानदार और सेंटर के पर अब जिला उपभोक्ता फोरम ने विशाल चंन्द्रवंशी केस में फैसला सुनाया है जिसमे 30 दिन के अंदर मोबाइल न सुधरे तो उसी कपनी का मॉडल वाला मोबाइल देना होगा नया अब )
जिला उपभोक्ता फोरम ने गारंटी अवधि में भी मोबाइल नहीं सुधारने के मामले में दिया आदेश की 30 दिन में सर्विस सेंटर ने फ्री में मोबाइल सुधारकर नहीं दिया तो कंपनी से मोबाइल बुलाकर उपभोक्ता को निःशुल्क उसी मॉडल का सेट देना होगा। यह आदेश जिला उपभोक्ता फोरम ने गांरटी अवधि में भी मोबाइल नहीं सुधारने के एक मामले में दिए है। जानकारी के अनुसार गढीपुरा हरदा निवासी विशाल पिता मनोहरलाल चंद्रवंशी ने 21 जून 2016 को घंटाघर चौक स्थित अशोक इलेक्ट्रिकल्स से 3800 रूपए में इनटेक्स कंपनी का क्यू-7 मॉडल का सेट खरीदा। कुछ समय बाद ही मोबाइल में स्क्रीन लाइट, नेटवर्क सहित अन्य समस्याएं आने लगी। चूंकि मोबाइल गांरटी अवधि में था, इसलिए विशाल ने उसे 23 मार्च 17 को सर्विस सेंटर सांई मोबाइल को दिखाया। सर्विस सेंटर ने दो तीन दिन बाद आने का कहा। जब उपभोक्ता तीन दिन बाद मोबाइल लेकर गया, तब भी उसका सेट नहीं सुधारा गया। जिसके बाद विशाल ने प्रकरण उपभोक्ता फोरम के समक्ष रखा। फोरम ने गांरटी अवधि में मोबाइल नहीं सुधारने को सेवा में कमी माना और आदेश दिया कि सर्विस सेंटर 30 दिन के अंदर मोबाइल फ्री में सुधारकर ग्राहक को संतुष्ट करे और यदि मोबाइल किसी कारण से नहीं सुधर पाता है तो वह कंपनी से उसी मॉडल का नया सेट बुलवाकर उपभोक्ता को फ्री में उपलब्ध कराए। आदेश में 1 हजार रूपए परिवाद व्यय के रूप में अदा करने को कहा हैsourses@नवदुनिया
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