*(चना, मसूर और सरसों की फसल की उत्पादकता सरकार ने 2 से 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बढ़ा दी है।मगर वर्तमान में 5 जिलो के लिए ही बढ़ाई हे ये सीमा )*
हरदा वैसे तो कृषि संम्पन जिला रहा है मगर इस बार किसानों ने चना भी बोया था पर इस बार उत्पादन ज्यादा होने के चलते हाल ही में पूर्व राजस्व मंत्री कमल पटेल ने अपने लेटर पर प्रदेश सरकार से 25 क्विटीन प्रति हेक्टर चना खरीदी बढ़ाई जाए पर शाशन ने 5 जिलो में जो सीमा बड़ाई हे उसमे हरदा जिले का नाम नही है। प्रदेश में न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदी जाने वाली चना, मसूर और सरसों की फसल की उत्पादकता सरकार ने 2 से 4 क्विंटल प्रति हेक्टेयर बढ़ा दी है। यह निर्णय सिर्फ पांच जिलों (रायसेन, विदिशा, सीहोर, नरसिंहपुर और छिंदवाड़ा) के लिए किया गया है। वहीं, खरीदी की अंतिम तारीख भी 31 मई से बढ़ाकर 9 जून कर दी गई है।
कृषि विभाग ने सरकारी खरीदी के लिए चना की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता 15 क्विंटल तय की थी। सीहोर, नरसिंहपुर सहित अन्य जिलों में इस बार चने का बंपर उत्पादन हुआ है। इसी आधार पर राज्य सरकार ने इस फसल को न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने का फैसला किया है। कम उत्पादकता तय किए जाने को लेकर किसान नाखुश थे। सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कृषि विभाग को उत्पादकता बढ़ाने के निर्देश दिए ।इसके बाद कलेक्टरों से फसल कटाई प्रयोग (औसत उत्पादन) की रिपोर्ट बुलाई और पांच जिलों की प्रति हेक्टेयर उत्पादकता बढ़ाने का निर्णय लिया गया। मसूर में 11 क्विंटल प्रति हेक्टेयर और सरसों में 13 क्विंटल प्रति हेक्टेयर उत्पादकता तय की गई है। इससे ज्यादा उपज किसानों से न्यूनतम समर्थन मूल्य पर नहीं खरीदी जाएगी।
कहां-कितनी बढ़ाई उत्पादकता
विदिशा-रायसेन- 17 क्विंटल
नरसिंहपुर-छिंदवाड़ा- 19 क्विंटल
सीहोर- 18 क्विंटल
नोट- उत्पादन प्रति हेक्टेयर
No comments:
Post a Comment