हरदा - अब सरकारी स्कूले भी हुई सी बी एस ई पेटर्न की तरह, एन सी आर टी की पुस्तकों से पड़ेंगे बच्चे !
*ऐसा होगा नया कोर्स जिसमे 4 विषय होंगे शामिल सीबीएसई ( एन सी आर टी पाठ्यक्रम के*
🔹कक्षा 1 से 8वीं तक गणित, विज्ञान, पर्यावरण
🔹9वीं से 12वीं तक गणित, विज्ञान, कॉमर्स।
🔹बच्चो का बौद्धिक स्तर को प्रतियोगी परीक्षा के अनुरूप तैयार किया जायेगा
सरकारी स्कूलों के शिक्षक, अध्यापक अब पुराने तरीकों से बच्चों को नहीं पढ़ा पाएंगे। नए सत्र से बच्चों के साथ शिक्षकों को भी पढ़ाई के पुराने पैटर्न में बदलाव कर प्रोजेक्ट वर्क पर फोकस करना होगा। एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद के तहत विभाग नए सत्र 2018-19 से सरकारी स्कूलों में विभागीय कोर्स की जगह अब एनसीईआरटी (राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद) का कोर्स पढ़ाया जाएगा।
स्कूल शिक्षा विभाग में शिक्षकों को पढ़ाई की नई तकनीक सिखाने के लिए ट्रेनिंग शुरुआत जल्द की जाने वाली है। इसके तहत स्टेट रिसोर्स ग्रुप के शिक्षकों को ट्रेनिंग दी जा रही है। ये शिक्षक जिला डाइट रिसोर्स ग्रुप के शिक्षकों को प्रशिक्षित करेंगे।
🔹 *एनसीईआरटी पुस्तक से सीबीएसई और एमपी बोर्ड के बीच की खाई होगी कम...*
अक्सर प्रतियोगी परीक्षाओं में एनसीईआरटी के पाठ्यक्रम से प्रश्न पूछे जाते थे, जिससे एमपी बोर्ड के बच्चे हल नहीं कर पाते थे, लेकिन अब समान कोर्स होने से बच्चों को दिक्कत नहीं होगी।
देशभर में अगर समान शिक्षा लागू होती है तो बच्चों की समस्याएं खत्म हो जाएंगी। नए शिक्षण सत्र से एक समान शिक्षा नीति लागू करने की कवायद की जा रही है। समय को भांपते हुए एम पी बोर्ड ने पेटर्न बदलना उचित समझा।
🔹 *प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार होंगे बच्चे..*
सरकारी स्कूल के बच्चे भी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए तैयार रहेंगे, क्योंकि परीक्षा में ज्यादातर सवाल एनसीईआरटी पाठ्यक्रम से जुड़े होते हैं। प्रोजेक्ट बेस्ड कोर्स होने से हर विषय को बच्चे आसानी से समझ और सीख पाएंगे।
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